एक गरीब के घर की खाता हूँ
मैं भी गरीब कहलाता हूँ ...
रोकता हूँ.. अफवाहों को..
पर तंगी से डर जाता हूँ..
मैं कोने में खड़ा-खड़ा
मिटटी लपेट कर पढता हूँ
हर रात तुम्हे...
केरोसिन के बोतल में
अपनी सारी महक डूबा देते हो ..
तुम्हे पढता हूँ
तो लिखने से घबराता हूँ .....