Wednesday, April 7, 2010

दिखा Orion दिखी मुझे तुम

रात्री तिके मोनेर भितोरे
ओनेक गोभीर कोथा छिलो
काछा काछी पेलाम ना जे
आकेशेर ऐकटा कोना दिलो

बड़ी दिसम्बर की रातें हैं सुबह के सपने लम्बे चौड़े
हांफ हांफ कर आती हो तुम नज़र में मेरी दौड़े दौड़े

देखते पारताम सादा शुदु
खाली तोमार मुखेर जॉय
चोक खुले जे घुमाई आमी
तोमार मोतोन आमि निर्भय

धुली ऐसे बात धक्के में ही धड़कन हो गयी
खूब उछली प्यार टकली लम्बी गर्दन हो गयी

चला- चली जे ना करो
एक जागाय ते बोशे थाको
लागे निजेर सीटेर मोध्ये
चोक बूझिये घूमिये पोरेचो

आँखों तले की आधी बातें दी आसमान में क्यूँ उछाल
चुप्पी से भर डाला खुद को ऊपर तारों का जंजाल

तारा तारी कोरी आमि
सोंदये पूरो जेने बुझे
चार दिग तिके मोनेर संबल
तलाय कोथाय गैलो मेजे

मुझे पता है कहाँ रहोगी आने वाले सालों में
तुम्हे है भर रक्खा खुद में और आसमान के पाले में

भीड़-भाड़ बछोड़ भर
कोतो लोकी दैखा जाय
तुमार मोतोन हांसी पाई
तोमार मोतोन बौले बाय

दिखा Orion दिखी मुझे तुम ,सालों से तुम हिली नहीं हो
बूढी हो होकर चमकी हो , रोज़ उम्र में खिली कहीं हो

नाम दिएछे के तोमाके
ऐतो सुन्दोर जिमोन तुमि
चोक घूरिये कोथा बौलो
चोकेर दिगे घूरे भूमि

नाम तुम्हारा पकड़ के बैठे ,सात को बांधे धमकाया
अक्स गिराकर रात समंदर ,उत्तरार्ध भी दिखलाया


एरोकोमो होबे ऐकी शोमाय
बेधे राखबे आमाय तोमाय
एरी जोन्नो बुझी जानी
तोमार मोतोन दैखा जाय

रोज़ तुम्हारी तरफ पहुँचते ,इंच इंच सा सोच सोच कर
कहीं मिलेंगे आसमान में same pinch का सोच-सोच कर !!