उतार नहीं पाता
छत से
बादलों को ..
ना ही ख़ुद
बादल
बन पाता है ..!!
शायद इसीलिए
पहाडों से गोता लगाता है ..!!!
पत्थरों को खुरचकर
जज़्बात
नहीं निखार पाता
और उसे
पत्थर तराशना
नहीं आता है ..!!
फ़िर क्यूँ ..
हवा में ही रेत हो जाता है ?
जब भी वो
पहाडों से गोता लगाता है...
हवा में ही रेत हो जाता है ..!!!