बहुत भारी है किताबें तुम्हारी
कभी कभी पता ही नहीं लगता
के डॉक्टर बनोगी या librarian...
"आप अपनी सोच जहाँ लगायेंगे
वहां कुछ ना कुछ तो problem
हो ही जाएगी
भला mbbs की क्या औकात
के आपको डॉक्टर बना दे..."
उड़ा लो मजाक... ना तो मेरे नंबर आते हैं
ना ही असल में मुझे कुछ आता है
बची खुची philosify का ही सहारा है
तो टांग मत खींचा करो
"हाँ.. ठीक बोलते हो
direct डंडे का ही इस्तेमाल सही रहेगा..."
जब ऐसे अपमानित करती हो
तो चोट सीधे दिल पे लगती है
और तुम बनना चाहती हो
ophthalmologist.... इलाज़ भी मुफ्त में नहीं
हो पायेगा!!!
"दिन रात पैसे पैसे
अपनी गरीबी दिखने का शौक लगा रखा है
जानते नहीं तुम दुनिया के सबसे
सबसे अमीर इंसान हो..."
कैसे...
"मैं जो हूँ... पास तुम्हारे
तुम्हारे सपनों से चिपकी रहती हूँ..."
और
"और चीर-फाड़ भी नहीं करती..."
जानता हूँ... सबसे प्यारा patient हूँ
तुम्हारा
"और सबसे अमीर भी...
ज़िन्दगी भर सिर्फ तुम्हारी
आँखें फोड़ती रहूंगी..."
और ठीक करती रहोगी.. नहीं??
"नहीं... अंधे रहोगे
तभी तो कहोगे...."
क्या...
"के तुम ही मेरी दृष्टि हो...!!!!"
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