Tuesday, December 4, 2007

इस वक़्त

इस वक़्त पहरा है मेरी आँखों पर..
देख तो लेती हैं..
समझ नहीं पाती..


इस वक़्त पहरा है मेरी बातों पर..
लिख तो लेती है.. कागजों पर..
बोल नहीं पाती..



इस वक़्त पहरा है मेरे हाथों पर..
दिल पे हाथ तो रख लेती हैं..
मगर बढ़ते नहीं उसकी तरफ..

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