"तीन दिन की छुट्टी है... क्या करोगे..??"
घास चरने का प्लान है... join करोगी क्या..?
"हमें आपने गाय समझ रखा है..??"
अब क्या कहते उनसे... की हाँ भई..
दिल से तो तुम एक भोली-भली गाय ही हो...
ये अलग बात है
की सर पर सींग नहीं है..
और बाल भी इतने छोटे कटाकर रखे है की...
अगर सिंग होते तो दिख ही जाते...
"you know.. मुझे लगता है है की तुम ना
मुझसे थोडा डर-डरके बात करते हो..."
क्या कहता आजकल हवा ही ऐसी चल रही है..
दिल में हमेशा गुद-गुदी लगी रहती है...
ऊपर से गाय कितनी भी भोली-भाली हो..
एक uncertainty का factor तो बना ही रहता है..
फ़ोन पे बातें इतनी...
की अब तुम्हारी आवाज़ भी रंभाने सी लगती है..
और खैर पूजा तो तुम्हारी करता हूँ..
"तो तुम साबित क्या करना चाहते हो??"
यही के तुम गाय हो...:)
1 comment:
Too good :) :)
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